Difference Between Kundan and Polki Jewellery In Hindi

कुंदन और पोल्की ज्वेलरी: चमकती हुई खूबसूरती में कौन सी ज्यादा बेहतर?

पारंपरिक भारतीय शादियों में दुल्हन के गहनों का एक अलग ही ही रुतबा होता है. कुंदन और पोल्की ज्वेलरी तो शादी के गहनों में मानो राजा और रानी की तरह होती हैं. दोनों ही ज्वेलरी इतनी खूबसूरत होती हैं कि पहली नज़र में फर्क करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन, असल में इन दोनों में काफी अंतर होता है. तो चलिए आज हम जानते हैं कि कुंदन और पोल्की ज्वेलरी में आखिर क्या फर्क है?

सबसे बड़ा फर्क: स्टोन का

  • कुंदन ज्वेलरी: कुंदन ज्वेलरी में असली कीमती और अर्ध-कीमती पत्थरों के साथ-साथ कांच के पत्थरों का भी इस्तेमाल किया जाता है.
  • पोल्की ज्वेलरी: पोल्की ज्वेलरी असली हीरों से बनती है, जिन्हें बिना काटे उनकी प्राकृतिक खूबसूरती में ही ज्वेलरी में जड़ा जाता है.

वज़न और चमक

  • कुंदन ज्वेलरी: आम तौर पर हल्की होती है क्योंकि कांच के पत्थर इस्तेमाल किए जाते हैं. इनकी चमक थोड़ी ज्यादा चमकदार होती है.
  • पोल्की ज्वेलरी: बिना काटे हीरों की वजह से ज़्यादा वज़नी होती है. पोल्की ज्वेलरी की चमक थोड़ी कम लेकिन प्राकृतिक और रॉयल होती है.

ज्वेलरी के कीमत का फर्क

  • कुंदन ज्वेलरी: कांच के इस्तेमाल की वजह से ज़्यादा किफायती होती है.
  • पोल्की ज्वेलरी: असली हीरों के इस्तेमाल की वजह से काफी महंगी होती है.

डिज़ाइन का फर्क

  • कुंदन ज्वेलरी: कुंदन ज्वेलरी में कई तरह के रंगीन पत्थरों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे ज़्यादा वैरायटी देखने को मिलती है.
  • पोल्की ज्वेलरी: पोल्की ज्वेलरी में मुख्य रूप से सफेद हीरे ही इस्तेमाल होते हैं, इसलिए डिजाइन में थोड़ी सीमितता रहती है.

तो चुनाव कैसे करें?

अब आप समझ गए होंगे कि कुंदन और पोल्की ज्वेलरी में क्या अंतर होता है. आपका चुनाव आपके बजट और पसंद पर निर्भर करता है. अगर आप रॉयल लुक और असली हीरों की खूबसूरती चाहते हैं तो पोल्की ज्वेलरी बेहतर रहेगी. वहीं, अगर आप किफायती दाम में खूबसूरत ज्वेलरी लेना चाहते हैं तो कुंदन आपके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है.

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